सावन-भादों का महीना था। बादलों से अटकर काला पड़ गया था आकाश। गहन निःश्वास सी पुरुवा हवा हा-हाकार करती हुई किले में दानव की तरह खड़े पेड़ों और फैली हुई झाड़ियों को कँपा दे रही थी। घोर निस्तब्ध रात्रि। निबिड़ रात्रि का गहन अन्धकार। यदा-कदा अभिशप्त किले में निवास करने वाली प्रेतात्माओं की एक साथ हँसने और रोने की भयानक तीखी आवाजों से किले का निस्तब्ध वातावरण बार-बार काँप उठता था और उसी के साथ मेरा मन भी दहशत से भर जाता था। सहसा मेरी दृष्टि स्याह आकाश की ओर उठ गयी। क्यों उठ गयी थी? नहीं जानता। मगर दृष्टि उठते ही आकाश के श्याम पटल पर बादलों के बीच मैंने जो कुछ देखा उसने मुझे एकबारगी रोमान्चित कर दिया।गहरे अन्धकार में डूबे हुए मेघाच्छन्न आकाश में मैंने देखा एक सुन्दर स्त्री तीव्र गति से उड़ती हुई पूरब से उत्तर दिशा की ओर चली जा रही थी। उसके काले बाल बिखर कर हवा में लहरा रहे थे। उस स्त्री की गति कभी तीव्र हो जाती तो कभी मन्द। सबसे आश्चर्य की बात थी कि मैं उस घोर अन्धकार में भी स्पष्ट देख रहा था उस आकाशचारिणी योगिनी को। निश्चय ही वह कोई उच्चकोटि की योगसाधिका थी। देखते ही देखते वह निविड़ अन्धकार के आगोश में समा गयी।
इस पुस्तक के लेखक

अरुण कुमार शर्मा / Arun Kumar Sharma
लेखक परिचय अरुण कुमार शर्मा एक ऐसे व्यक्ति का नाम है जिनकी लेखनीं पिछले पचास वर्षों से अनवरत गतिशील हैं। ८ अरुण कुमार शर्मा एक ऐसे चिन्तक और विचारक का नाम है, जिन्होंने अपने गहन गम्भीर चिन्तन मनन द्वारा भारतीय गह्य विद्याओं और उनके आध्यात्मिक तत्वों के अन्तराल में प्रवेश कर उनके विषय में अपने मालिक विचारों को व्यक्त किया है। अरुण कुमार शर्मा एक ऐसे सत्यान्चेषी व्यक्ति का नाम है, जिन्होंने योग तंत्र में निहित रहस्यमय सत्यों से परिचित होने के लिए प्रच्छन्न अप्रच्छन्न भाव से विचरण और निवास करने वाले सिद्ध सन्त महात्माओं और योगी साधकों की खोज में सम्पूर्ण भारत की ही नहीं बल्कि हिमालय और तिब्बत के दुर्गम स्थानों की जीवन मरण दायिनी हिम यात्रा की है। अरुण कुमार शर्मा एक ऐसे साहित्यकार का नाम है, जिन्होंने अपनी सशक्त आध्यात्मिक और दार्शनिक कृतियों से संबंधित समकालीनों को सैकड़ों मील पीछे छोड़ दिया है। विलक्षण प्राञ्जल भाषा, मनोहारी शिल्प आत्मशाही शब्द सज़ा और आकर्षक प्रस्तुति करण उनकी कृतियों का विशेषण है। हजारों पंक्तियों के बीच उनकी पंक्ति को पहचान लेना प्रत्येक वर्ग के पाठकों के लिए सरल और सहज है। और यही वह तथ्य है जो अरूण कुमार शर्मा को अरूण कुमार शर्मा बनाता है।